Apni Nisbat Se Main Lyrics

Apni Nisbat Se Main Lyrics     अपनी निस्बत से मैं कुछ नहीं हूँ इस करम की बड़ौलत बढ़ा हूँ उनके टुकड़ों से इज़्ज़त पा कर ताजदारों की सफ में खड़ा हूँ। मैंने माना मैं सब से बुरा हूँ इस करम को मगर किया कहोगे जो बुरूं को समते हुए हैं उनके क़दमों में भी […]