Islam Question & Answer in Hindi

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Islam Question & Answer in Hindi

 

 

गिरगिट या छिपकली को मारना कैसा है ?

हदीस पाक में जिस तरह साँपों को मार डालने का हुक्म आया है उसी तरह गिरगिट छिपकली को भी मार डालना सवाब की बात है।

हुजूरे अक्दस ﷺ सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं गिरगिट या छिपकली का कत्ल कर दो अगरचे काबा के अन्दर हो रसूलुल्लाह ﷺ सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम फरमाते हैं जो साँप को मारे उस के लिए सात नेकियाँ हैं और जो छिपकली या गिरगिट को मारे उसके लिए एक नेकी।
(फतावा रज्वीया जिल्द 2. सफ़ह, 751)

 

लोबान ख़ुशबू का लगाना ?

 

सवाल::- जिस जगह जिन्नात रहते हैं वहाँ बाज़ लोग लोबान और अगरबत्ती वग़ैरा सुलगाते हैं, क्या शरीअत ए इस्लाम में इसकी कोई अस्ल है ?

जवाब ::- शरीअत में इसकी कोई अस्ल नहीं, यह बातें जहालत पर मबनी हैं, बाज़ फ़ुक़हा ने अवाम की इन हरकतों को जाहिलों का तरीका बताया है

फ़तावा सिराजियह में है जिन्नात के लिये ख़ुश्बू वग़ैरा जलाने पर बाज़ फुकहा ने फ़तवा दिया है कि यह जाहिल अवाम का तरीक़ा है!
(इस्लाहुल अवाम सफ़ह, 56)

 

 

 

नमाज की हालत में छींक आए तो किया करे

मस’अला::- नमाज़ी को हालते नमाज में छिक आए तो सुकूत करे यानी कुछ भी न कहे अगर
अलहम्दु लिल्लाह कह लिया तो नमाज में हर्ज़ नही लैकिन हालते नमाज में अलहम्दु लिल्लाह न कहे बल्कि नमाज से फारिग होने के बाद हम्द करे ।!

मस’अला::- किसी को छींक आई और नमाज़ी ने उसको जवाब देते हुए यरहमुकल्लाह कहा तो नमाज फ़ासिद हो गई,

(मोमीन की नमाज पेज 252)

 

 

 

♽☞ सवाल :- औरत को अपने शौहर का नाम लेकर पुकारना कैसा है ?

♼☞ जवाब :- औरत को अपने शौहर का नाम लेकर पुकारना जायज़ तो है लेकिन खिलाफे अदब है, इसलिए अदब और प्यार से बुलाऐं ताकि मोहब्बत ज़्यादा हो।

♽☞ सवाल :- औरतों को कौन कौन सी चूडियाँ पहनना जायज़ है और कौन कौन सी चूडियाँ पहनना नाजायज़ है

♼☞ जवाब :- फतावा फकीहे मिल्लत में है कि कांच यानि शीशा और प्लास्टिक की चूडियाँ पहनना और पहन कर नमाज़ पढ़ना सह़ी वह दुरुस्त है,,,फतावा रज़विया में है,आला हज़रत से सवाल किया गया,कि औरतों को कांच की चूडियाँ पहनना जायज़ है या नहीं,आपने जवाब फरमाया,जायज़ है बल्कि शौहर के लिए सिंगार की नियत से मुस्तहब है,
और शौहर या माँ बाप का हुक्म हो तो वाजिब,,सोना चांदी और कांच यानि शीशा और पिलास्टिक की जायज़ है
फतावा फिक्ह मिल्लत जिल्द 1 सफह 177
फतावा रज़विया जिल्द,9 सफह 235

♽☞ सवाल :- जैद बुतों की तारीफ में गीत गाता और गवाता है इसके बारे में क़ुरआन हदीस की रौशनी में जवाब इनायत करें महरबानी होगी?

♼☞ जवाब :- ज़ैद अगर वाक़ई ऐसा करता है जैसा सवाल में ज़िक्र किया गया तो जैद इस्लाम से खारिज़ यानि काफिर हो गया,
तौबा व तजदीदे ईमान वह तजदीदे निकाह लाज़िम है,
मुफ्ती शरीफुल हक़ अमजदी फतावा शारह बुखारी में इसी तरह के एक सवाल के जवाब में फरमाते है,जो शख्स बुतों की पूजा के गीत में शरीक़ होता है वह मुसलमान नहीं वह इस्लाम से निकल गया उसकी बीवी उसके निकाह से निकल गयी।
फतावा शारह बुखारी,जिल्द,2 सफह 617 बकद्रे तगय्यूरन

 

 

कब्रिस्तान में अगरबत्ती जला कैसा है?

क़ब्र के ऊपर अगरबत्ती न जलाई जाए इस में बे अदबी और बद फाली है (और इस से मैयत को तकलीफ होती है), हा अगर हाज़रिन को खुशबु पहुंचाने के लिये लगाना चाहे तो क़ब्र के पास खाली जगह हो वहा लगाए के खुशबु पहुंचाने महबूब है।
✍🏽मूलख्खसन फतावा रज़विय्या मुखर्रजा, जी.9 स.482,525

आला हज़रत अलैरहमा एक और जगह फरमाते है : सहीह मुस्लिम शरीफ में हज़रते अम्र बिन आस से मरवी, उन्हों ने दमे मर्ग (यानि वक़्ते वफ़ात) अपने फ़रज़न्द से फ़रमाया : जब में मर जाउ तो मेरे साथ न कोई नौहा करने वाली जाए न आग जाए।
✍🏽सहीह मुस्लिम, स.70 हदिष:192
क़ब्र पर चराग या मोमबत्ती वग़ैरा न रखे के ये आग है, और क़ब्र पर आग रखने से मैय्यत को तकलीफ होती है,
✍🏽आक़ा का महीना, स.29

 

 

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