Chand Se Unke Chehre Par Ghesu e Mushk Faam Do Naat Lyrics

चाँद से उनके चेहरे पर घेसू-ए-मुश्क फाम दो।
दिन है खिला हुआ मगर वक़्ते सहर है शाम दो
तलवों से उनके चार चाँद लग गए महरूमा को
है ये उन्ही की तबीशें और हैं उन्ही के नाम दो
हाथों से चार यार के हम को मिलेंगे चार जाम
दस्ते हसन हुसैन से और मिलेंगे जाम दो
उनकी जबीं-ए-नाज़ पर जुल्फ-ए-सियाह बिखर गयी
जमा हैं एक वक़्त में जिद्दें-ए-सुबह ओ शाम दो
जाते हसन हुसैन हैं अहल-ए-शाबीह-ए-मुस्तफ़ा
जात हैं एक नबी की जात और हैं उन्ही के नाम दो
अब तो मदीने लो बुला गुंबद-ए-सब्ज़ दो दिखा
हामिद ओ मुस्तफ़ा तेरे हिंद में हैं गुलाम दो।