CHALE AASHIQANE MOHAMMAD MADINA NAAT LYRICS

चले आशिक़ाने मोहम्मद मदीना, मेरी बेकरारी बढ़ी जा रही है
ये हस्रत के जौ मैं कैसे मदीना, मेरे कल्ब-ए-मुज़्तर को तड़पा रही है
तमन्ना लिए दिल में हाज़िर हुआ हूँ, भिखारी बना तेरे दर पर खड़ा हूँ
खुदाया मिले मुझको सदका नबी का, ज़माने की झोली भरी जा रही है
मेरी ज़िंदगी इश्क़-ए-अहमद में गुज़रे, मेरी जान भी उनकी चौकट पे निकले
उठे जब जनाज़ा तो कड़े फ़रिश्ते, ये आशिक़ की मय्यत चली जा रही है
सरापा गुनाहगार हु मेरे मौला तुफ़ैल-ए-नबी, हश्र में लाज़ रखना
तुझे मुंह दिखाने के काबिल नहीं हु, निदामत से गर्दन झुकी जा रही है
न दौलत न ताकत न कुछ ज़ोर अपना मगर है यक़ीन उनकी रहमत पे इतना
बुलाएंगे मंज़र तुम्हें वो मदीना, ये पैग़ाम-ए-बाद-ए-सबा ला रही है (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम)