CHAL QALAM AB HAMD E RABB MAQSOOD HAI NAAT LYRICS

चल कलम अब हमद-ए-रब मकसूद है
तेरा मेरा सब का जो माबूद है
है वही शाहिद वही मशहूद है
नूर उसका हर जगह मौजूद है
उसने ही हमको बख्शे हैं हमको मुस्तफा
ये न हो तो ज़िंदगी बे-सुद है
यूं तो है कुरआन हिदायत की किताब
पर किसी का तज़किरा मकसूद है
वद-दुहा वश-शम्स जिसकी शान है
हाँ वही अहमद वही महमूद है
उन का चर्चा हर जबाँ पर है रवा
उन की खुशबू हर जगह मौजूद है
अज़्मत-ए-अहमद में जिसको है शुबा
हाँ वही शैतान वही मर्दूद है
और जो करता है उन पर जान फिदा
वो मुबारक है वही मसूद है
नूर की बरसात होती है वहाँ
जिस जगह पर महफ़िल-ए-मौलूद है
पढ़ते रहिए नज़्मी नात-ए-मुस्तफा
हाँ इसी में रूह की बेहबूद है।
पढ़ते रहिए नज़्मी नात-ए-मुस्तफा
हाँ इसी में रूह की बेहबूद है।