Ban Kar Faqeer Jao Sarkaar Ki Gali Me Lyrics
बन कर फ़क़ीर जाओ, सरकार की गली में।
दिल की मुराद पाओ, सरकार की गली में।
ऐसा करीम कोई, तुझको ना फिर मिलेगा।
बैठे रहो गदाओ, सरकार की गली में।
सुनता नहीं तुम्हारी, कोई अगर कहानी।
दिल खोल कर सुनाओ, सरकार की गली में।
जन्नत में रहने वाली, हूरों से कोई कह दे।
एक तुम भी घर बनाओ, सरकार की गली में।
जैसा भी जख्म होगा, अच्छा ज़रूर होगा।
खाके शफ़ा लगाओ, सरकार की गली में।
मैं सो गया हूँ शायद, ख़्वाबों में ही वो आए।
मुझको ना तुम जगाओ, सरकार की गली में।
आने को आए है, घर पर ज़रूर लेकिन।
दिल अपना रह गया है, सरकार की गली में।
मर कर भी मेरी मय्यत, नसीर यही कहेगी।
तुर्बत मेरी बनाओ, सरकार की गली में।
किस किस को मैं बताऊं, खुद जाके कोई देखे।
जन्नत का दर खुला है, सरकार की गली में।
———————- Other ———————-
——————— Version ———————
मत पूछिए के क्या है, सरकार की गली में
एक जश्न सा बपा है, सरकार की गली में
किस किस को मैं बताऊं, खुद जाके कोई देखे
जन्नत का दर खुला है, सरकार की गली में
तुम को करीम ऐसा, कहीं और न मिलेगा
बैठे रहो गदाओं, सरकार की गली में
कोई मांगे या न मांगे, ये है गदा की मर्ज़ी
बिन मांगे मिल रहा है, सरकार की गली में
अर्शी भी आ रहे हैं, फर्शी भी जा रहे हैं
मेला लगा हुआ है, सरकार की गली में
वो करबला में पोहचन दीन-ए-नबी खातिर
नाज़ों से जो पाला है, सरकार की गली में
वक्त-ए-निज़ाम बे, सब लोग कह रहे हो
दीवाना मर गया है, सरकार की गली में
———————- अन्य ———————-
——————— संस्करण ———————
बख्शिश करम अता है सरकार की गली में
हर दर्द की दवा है सरकार की गली में
दुनिया और आखिरत की हर शाय वहाँ से पायी
जो मांगा मिल गया है सरकार की गली में
साया किए हुए हैं जूड़ों सखा के बादल
मंगता खड़ा हुआ है सरकार की गली में
आले नबी का सदक़ा मिलता है हर गदा को
आले नबी का सदक़ा मिलता है हर गदा को
जारी ये सिलसिला है सरकार की गली में।
आका मुझे संभालो जैसा भी हूँ निभालो
मेरी यही दुआ है सरकार की गली में।
सूफ़ी खलील तुने कैसा नसीब पाया
तू जाके खो गया है सरकार की गली में।