Ay Naqeeb E Aala Hazrat Mustafa Haidar Hasan Lyrics
अए नक़ीब ए आला हज़रत मुस्तफ़ा हैदर हसन
अए बहार ए बाग़ ए ज़हरा मेरे बरकाती चमन
अए तमाशा-गाह ए आलम चेहरा ए ताबाँ ए तू
तू कुजा बेहर ए तमाशा मी रवी क़ुरबान तू
इस्तिक़ामत का वो कोह ए मुहक्कम ओ बाला हसन
अशरफ ओ अफ़्ज़ल नज़ीब ए इत्रत ए ज़हरा हसन
तूर ए इर्फ़ान ओ उलू ओ हम्द ओ हुस्न ओ बाहा
ज़िंदाबाद अए परताव ए मूसा ओ अक्स ए मुस्तफ़ा
आलम ए सौज़ ए दरूँ किस से कहूँ किस से कहूँ
दिल शुदा ज़ार ए चुनाँ ओ जाँ शुदा ज़ेर ए चुनूँ
तो जो अपने दर्द की हक़मी दवा मिलता नहीं
चारा साज़ ए दर्द ए दिल दीद ए आशना मिलता नहीं
एक शमा’ए अंजुमन थी जो बिल आखिर बुझ गई
अब उजाले को तरसती है ये बाज़्म ए आगाही
सौगवारों को शाकेबाई का सामां कम नहीं
अब अमीन ए क़ादिरियत बन गया तेरा अमीन
अब अमीन-ए-क़ादिरियत बन गया तेरा अमीन
इल्म ओ अहल-ए-इल्म की तौक़ीर था शोहदा तेरा
जा-नशीं में हो नुमायां जलवा-ए-ज़ैबा तेरा
इल्म का उस आस्ताने पर सदा पहरा रहे
सूरत-ए-ख़ुर्शीद-ए-ताबां मेरा मरहरह रहे
अख़्तर-ए-ख़स्ता है बुलबुल गुलशन-ए-बरकात का
देर तक महके हर एक गुल गुलशन-ए-बरकात का
देखने वालो जी भर के देखो हमें
कल ना रोना के अख़्तर मियां चल दिए