ALLAH ALLAH SHAH-E-KONAIN JALA’LAT TERI NAAT LYRICS
अल्लाह अल्लाह शाह-ए-कोनैं जलालत तेरी
फर्श किया अर्श पे जारी है हुकूमत तेरी
झोलियाँ खोल के बे-समझे नहीं दौर आये
हमें मालूम है दौलत तेरी, आदत तेरी
हमें मालूम है
के वह किया जूद-ओ-करम है शाह-ए-बत्ता तेरा
के नहीं सुनता ही नहीं माँगने वाला तेरा
तू झोलियाँ खोल के बे-समझे नहीं दौर आये
हमें मालूम है दौलत तेरी आदत तेरी
तू ही है मुल्क-ए-खुदा, मालिक-ए-खुदा का मालिक
राज तेरा है जमाने में हुकूमत तेरी
अल्लाह अल्लाह शाह-ए-कोनैं जलालत तेरी
मजमा-ए-हश्र में घबराई हुई फिरती है
ढूंढने निकली है मुजरिम को शफ़ा’त तेरी
ओ चैन पाएंगे तरपते हुए दिल महशर में
गम किस्से याद रहे देख के सूरत तेरी
देखने वाले कहाँ करते हैं अल्लाह अल्लाह
के याद आता है खुदा देख के सूरत तेरी
और हम ने माना के गुनाहों की नहीं हद लेकिन
तू है उनका तू हुस्न, तेरी है जन्नत तेरी
अल्लाह अल्लाह शाह-ए-कोनैं जलालत तेरी
फर्श किया अर्श पे जारी है हुकूमत तेरी