aisa taalib koi nahi hai Lyrics

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aisa taalib koi nahi hai Lyrics

 

 

अहमद के आहद में क्या समझूं
कौनैन का मस्जूद है, माबूद है तू
हर शय तेरी शाहिद है के मशहूद है तू
हर एक के लब पर है तेरी हम्द ओ सना
हर सौज में हर साज़ में मौजूद है तू

ताज़ीम से लेता है खुदा नाम-ए-मुहम्मद
क्या नाम है ऐ सल्ले अल्लाह नाम-ए-मुहम्मद
अल्लाह करे उसपे हराम अतीश-ए-दो ज़क़
जिस शख़्स के हो दिल पे लिखा नाम-ए-मुहम्मद

अंधेरी रार है शम्स उद दुहा की बात करो
सितारों आओ रुख-ए-मुस्तफा की बात करो
नाक़ीर-ओ-बाद में कोई दूसरा सवाल करो
ख़ुदारा पहले मेरे मुस्तफा की बात करो

ये अक्ल-ए-कयरत से मायल सवाल है
शान-ए-रसूल-ए-पाक समझना मुहाल है

अहमद के आहद में क्या समझूं
वो है पर्दा-ए-मीम में और ही कुछ
ज़माना उनको मुस्तफा जानता है

खुदा के सिवा कोई क्या जानता है
मुहम्मद का रुत्बा खुदा जानता है

आहद अहमद विच फलक ना भुलेया

 

अहमद के अहद में क्या समझूं
यह कौन है मीम के चिलमन में
हैरत की है जान साया भी नहीं
लगता भी है इंसान देखन में

चलो माना मुहम्मद आदमी है
मगर बेसाया क्यों कर आदमी है

अपना अदब सा रिश्त को कुछ सूझता नहीं
हैरत की है देखो उनका साया भी नहीं

अल्लाह का महबूब है कम पाया नहीं है
मैं अपने मुंह से दावर-ए-महशर को क्या कहूँ
छोटा सा मुंह है, बात बड़ी और क्या कहूँ
अल्लाह का महबूब है
अल्लाह ने पास बुला ही लिया है
बिन देखे खुदा भी रह ना सका

इसे तो कमालात बशर में नहीं होते
हैरत की है देखो उनका साया भी नहीं

हुस्न की जान हो गया होगा
गोया ईमान हो गया होगा
देख कर आपका कदे-ए-मौजू
साया कुर्बान हो गया होगा

 

तोरे नूर से सब संसार हुआ
तोरे नाम से बेड़ा पार हुआ
भगवान भी तोरे गुण हाये
कुरान आया तोरी शानन में

कहिं यासीन कहा कहिं ताहा कहा
कहिं मुसव्विल कहा कहिं कौसर कहा

मरतबा सरवर-ए-कौनैन तेरा ऊँचा है
आप कुर्बान में खुदा आप तेरी सना करता है

इस्लाम क्या है तेरी अदाओं का नाम है
कुरान क्या है तेरी सना सर से पांव तक

अल्लाह ने कुरान में जिक्र तेरा किया है
किस क्यार से मुदस्सिर ओ मुज़व्विर कहा है

लौलाक के पगड़ी सर सोहे
ताहा सहरा माथे पे सजे
वलैल की जुल्फें कांधों पर
मादाज़ का कजरा नैनों में

तोहे याद करत मोरा अंग-अंग है
तरपत है जिया यसराब के घनी
आ ज्योत जगा मोरे नैनन में
रुक मीम का पर्दा रुख से हटा
प्यासी हूँ तेरे दर्शन की

तोहे याद करत मोरा अंग-अंग है
मोरा भाग सुहाग तोरे संग है
इक बार जो आ मोरे आंगन में
हो जाऊं सुहागन सखियां में

बल्हार ना हो जाऊं
तोरी लेकर बलय्या

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